जयपुर: राजस्थान के अलवर में बीते दिनों एक युवक की आत्महत्या के पीछे पुलिस पर रौंगटे खड़े कर देने वाली बर्बरता के आरोप लग रहे है। इस मामले को लेकर मृतक अमित सैनी के साथ हिरासत में गए एक नाबालिग ने इन आरोपों का खुलासा किया है। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने हिरासत में अमित सैनी के साथ बर्बरता की, उसे काफी टॉर्चर किया। यहां तक की उसे 16 मामलों में अपना जुर्म कबूल करने का दबाव भी बनाया गया। इस पर अमित ने इनकार कर दिया, तो उसके प्राइवेट पार्ट के बाल तक उखाड़ दिए। इधर, पुलिस पर लगे इन आरोपों से हडकम्प मच गया है। बता दें कि गत 9 जुलाई को अमित ने आत्महत्या करते हुए सुसाइड नोट में पुलिस कर्मियों के नाम लिखकर अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था।
जुर्म नहीं कबूला, तो प्राइवेट पार्ट के बाल उखाड़ दिए
एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मृतक अमित सैनी का एक साथी जो नाबालिग है, उसे भी 7 जुुलाई पुलिस ने हिरासत में लिया था। इस दौरान उस नाबालिग के रोंगटे खड़े कर देने वाले इस खुलासे के बाद पुलिस पर टॉर्चर करने के गंभीर आरोप लगे हैं। 16 साल के नाबालिग ने बताया कि उसे और अमित को चोरी के झूठे मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस ने 16 मामलों में जुर्म कबूल करने का दबाव बनाया। यहीं नहीं जब अमित इसके लिए तैयार नहीं हुआ, तो उसके प्राइवेट पार्ट के बाल उखाड़ दिए। उसे दूसरे कमरे में ले जाकर जमकर पीटा। मीडिया रिपोर्ट्स में नाबालिग ने आरोप लगाया कि उसकी उम्र 16 साल है, इसके बावजूद भी पुलिस ने उसकी उम्र 19 साल लिखी और लॉकअप में रखकर उसे पीटा।
पुलिस से टॉर्चर होने के कारण उसने सुसाइड किया
इधर, मीडिया रिपोर्ट्स में नाबालिग ने दावा किया है कि उन्हें 7 जुलाई को सदर थाना पुलिस ने चोरी के झूठे आरोप में हिरासत में लिया था। इसके बाद 8 जुलाई को उनकी जमानत हुई। इस दौरान अमित का मोबाइल, पर्स और मोटरसाइकिल नहीं लौटाए गए, जिसे लेने के लिए वापस अमित जब पुलिस थाने पहुंचा, तो थाने में उसको अपमानित किया गया। इससे दुखी होकर उसने जहर खाकर सुसाइड कर लिया। बता दे कि बीते दिनों 9 जुलाई को अमित सैनी ने सुसाइड कर लिया था।
पुलिस का कहना है, कोई मारपीट नहीं हुई
इधर, अमित के आत्महत्या करने के बाद उसके कब्जे से एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने कुछ पुलिस कर्मियों पर आरोप भी लगाए। इधर, पुलिस का कहना है कि दोनों युवकों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस थाने में उनके साथ कोई मारपीट नहीं हुई। एसडीएम के समक्ष पेश करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। उधर, नाबालिग का कहना है 5 जुलाई को उन्होंने कबाड का सामान उठाया था, जिसे बाद में बैच दिया था। पुलिस इसी मामले में झूठें चोरी के मामले में हिरासत में लिया था।
मनीष बागड़ी, Chief Editor
पॉलिटिकल आर्टिकल्स लिखना पसंद है, पत्रकारिता में 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में नवभारत टाइम्स (NBT) में 'स्टेट पॉलिटिकल आर्टिकल्स' लिखता हूं, पत्रकारिता के इस सफर में राजस्थान पत्रिका, A1टीवी, न्यूज़ इंडिया, हर खबर न्यूज़ चैनल जैसी न्यूज़ प्लेटफार्म पर भी कार्य किया है।
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