प्रतापगढ़ : राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले कुड़ीपाड़ा में सोमवार शाम हुए दर्दनाक हादसे से ग्रामीणों के दिल कांप उठे। गांव में तीन चचेरे भाइयों के पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपे गए, तो हर किसी की रुलाई फूट पड़ी। दरअसल, तीनों की मौत वन विभाग के पुराने और जर्जर हो चुके औषधालय भवन की छत गिरने से हुई थी।
हादसे में जिन किशोरों की जान गई, उनमें मुकेश पुत्र हुका, राकेश पुत्र नारायण और गजेन्द्र पुत्र शांतिलाल शामिल हैं। हादसे के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना सोमवार शाम करीब 5 बजे उस समय हुई, जब तीनों किशोर गांव के पास बकरी चरा रहे थे और बारिश से बचने के लिए पुराने औषधालय भवन के बरामदे में जा बैठे थे। इसी दौरान अचानक छत भरभराकर गिर गई और तीनों मलबे में दब गए। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
इसको लेकर मृतक राकेश के पिता नारायण पुत्र हुरजी ने पीपलखूंट थाने में मामला दर्ज करवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जर्जर भवन को हटाने में प्रशासन ने गंभीर लापरवाही बरती, जिसके चलते यह दुखद हादसा हुआ। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जांच अधिकारी गणेशलाल ने बताया कि यह भवन वन विभाग की संपत्ति है और वर्षों से उपयोग में नहीं था। प्रारंभिक जांच में भवन की जर्जर स्थिति सामने आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और संबंधित विभाग जांच कर रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए गांवों में स्थित पुराने व जर्जर सरकारी भवनों को चिन्हित कर समय पर हटाया जाए, साथ ही मृतक परिवारों को आर्थिक सहायता और मुआवजा प्रदान किया जाए।
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मनीष बागड़ी, Chief Editor
पॉलिटिकल आर्टिकल्स लिखना पसंद है, पत्रकारिता में 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में नवभारत टाइम्स (NBT) में 'स्टेट पॉलिटिकल आर्टिकल्स' लिखता हूं, पत्रकारिता के इस सफर में राजस्थान पत्रिका, A1टीवी, न्यूज़ इंडिया, Network 10, हर खबर न्यूज़ चैनल, दैनिक रिपोर्टर्स.com जैसे न्यूज़ प्लेटफार्म पर भी कार्य किया है।
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