Nares Meena : नरेश मीणा को हर महीने की 25 तारीख को पुलिस थाने में देनी होगी हाजिरी! समरावता में नरेश ने भावुक होकर कह दी यह बड़ी बात

Nares Meena : नरेश मीणा को हर महीने की 25 तारीख को पुलिस थाने में देनी होगी हाजिरी! समरावता में नरेश ने भावुक होकर कह दी यह बड़ी बात
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मनीष बागड़ी/रवि सैनी
जयपुर/टोंक: हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद नरेश मीणा सोमवार अपरान्ह समरावता गांव पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों का धन्यवाद किया और उनका आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि वह आगे भी गांव के बुजुर्गों, युवाओं और लोगों की मदद के लिए तैयार रहेंगे। साथ में यह भी कहा कि अब वह हाई कोर्ट के निर्देशानुसार पालना करेंगे। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जैसे श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता की सेवा की, ऐसे ही समरावता गांव के हर लोगों की मदद के लिए वह हर समय, हर पल तैयार रहेंगे। चाहे वह किसी भी कोने में हो। इस दौरान नरेश मीणा ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बेहद भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू दिखाई दे रहे थे।

हर महीने की 25 तारीख को नगरफोट थाने में देनी होगी हाजिरी

जेल से रिहा होने के बाद नरेश मीणा समरावता गांव पहुंचे, जहां गांव के लोगों ने नरेश का बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया। हालाकि उन्होंने ग्रामीणों की मालाएं और साफा आदि नहीं पहनी। इसके बाद नरेश ने गांव के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने सभी लोगों का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुझे हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया है। लिहाजा मैं हाई कोर्ट के सभी निर्देशों की पालन करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे हर महीने की 25 तारीख को नगर फोर्ट पुलिस थाने में हाजिरी देनी होगी। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए नरेश मीणा काफी भावुक नजर आए।

श्रवण कुमार की तरह गांव के लोगों की करूंगा सेवा

नरेश मीणा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जैसे श्रवण कुमार अपनी माता-पिता की सेवा करते हुए बलिदान हो गया। ऐसे ही मैं भी गांव के हर बुजुर्ग, हर माता बहन और युवाओं की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। चाहे मैं दुनिया की किसी भी कोने में क्यों ना रहूं? उन्होंने हाथ जोड़कर भावुक होते हुए कहा कि मैंने ऐसे परिवार में जन्म लिया है, जिनके संस्कार है कि कोई भी ऐसा जरूरतमंद, असहाय व्यक्ति हो तो उसकी मदद करना। मैंने वहीं किया।

रामायण की चैपाई सुना कर कहा, ग्रामीणों ने मेरा साथ नहीं छोड़ा

इस दौरान नरेश मीणा ने ग्रामीणों का धन्यवाद देते हुए रामायण की चैपाई सुनाई। इसमें उन्होंने कहा कि ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए‘। इस पूरे संघर्ष में समरावता गांव के लोगों ने इस चैपाई को सही साबित किया है। उन्होंने मेरा साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि मुझे दुख है कि माननीय न्यायालय के आदेश के कारण मैं किसी की माला और साफा ग्रहण नहीं कर रहा हूं, इससेे पहले लोग टोंक से लोग मेरा स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह मेरा दूसरा जन्म है, इसलिए मैं इस मिट्टी को नमन करने आया हूं। इस दौरान नरेश ने कहा कि वह अपने परिवार से मिलने के बाद कल बाबा खाटू श्याम के दरबार जाएंगे।

मनीष बागड़ी, Chief Editor

पॉलिटिकल आर्टिकल्स लिखना पसंद है, पत्रकारिता में 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में नवभारत टाइम्स (NBT) में 'स्टेट पॉलिटिकल आर्टिकल्स' लिखता हूं, पत्रकारिता के इस सफर में राजस्थान पत्रिका, A1टीवी, न्यूज़ इंडिया, Network 10, हर खबर न्यूज़ चैनल जैसी न्यूज़ प्लेटफार्म पर भी कार्य किया है। Follow us - www.thepoliticaltimes.live
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