बाबू महाराज के प्रसिद्ध लक्खी मेले की शुरूआत, जानिए क्या-क्या होंगे कार्यक्रम
धौलपुर (दीपू वर्मा): राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी में बाबू महाराज के प्रसिद्ध लक्खी मेले का शनिवार को शुभारंभ हुआ। इस दौरान विधायक जसवंत सिंह गुर्जर, पंच पटेल एवं समिति पदाधिकारी ने मिलकर दीप प्रज्वलित किया। यह मेला चार दिवसीय होगा। इस दौरान बाबू महाराज से मेले के सफल आयोजन एवं सभी श्रद्धालुओं के लिए सुख समृद्धि एवं मंगल कामनाओं की दुआ की है।

धौलपुर के आराध्य देव श्री बाबू महाराज थूम धाम कुदिन्ना बाड़ी का लक्खी मेला हर वर्ष भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष द्वितीया को भरता है। इस बार बाबू दौज 25 अगस्त को है। बाबू महाराज की दौज के दिन लाखों श्रद्धालु देश के विभिन्न क्षेत्रों से चलकर के आते हैं। देवी सिंह भगत और लाल सिंह भगत ने बताया है कि 25-26 अगस्त की रात को बाबू महाराज की भगत मंडली बाबू लीला का गायन करेगी। लोगों की मान्यता है कि बाबू महाराज की भभूूती लगाने से कुष्ठ रोग व विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
बाबू महाराज का मेला एक त्यौहार
बाबू महाराज सेवा समिति के सचिव ग्राम गुर्जर ने बताया कि यह मेला डांग क्षेत्र के गांवों में एक त्यौहार की तरह आता है। क्षैत्रीय लोगों में यह एक संस्कृति है कि बाबू महाराज के मेले के लिए अपने रिश्तेदार एवं संबंधियों को बुलाने का प्रचलन है। बाबू महाराज की जात के दिन पूरे डांग क्षेत्र के घर घर में खीर पुआ का प्रसाद बनता है। सबसे पहले प्रसाद का बाबू महाराज के लिए प्रसाद का भोग लगाते हैं उसके बाद सभी लोग भोजन करते हैं।
पीतल के घंटे व बूरे का प्रसाद चढ़ाने का प्रचलन
बाबू महाराज के मंदिर पर प्राचीन काल से ही बूरे के प्रसाद का प्रचलन है। सभी श्रद्धालु बूरे का ही प्रसाद चढ़ाते हैं और मंदिर पर पीतल के घंटे चढ़ाकर अपनी मन्नत मांगते हैं। बाबू महाराज मंदिर पर क्षेत्र के हजारों भक्त लोग गंगा जी और हरिद्वार से गंगाजल कावड़ यात्रा के रूप में लाकर मंदिर पर चढ़ते हैं साथ में ही बम गायन का प्रचलन है सभी लोग एक साथ झुंड में बम गायन करते हुए और बाबू लीला गाते हुए बाबू महाराज के मंदिर पर कांवड़ लाते है।
उद्घाटन के दौरान समिति अध्यक्ष मास्टर भगवान सिंह, लालसिंह भगत, देवी सिंह भगत, भगवान दास गुर्जर, कोषाध्यक्ष राम मुकुट सिंह, समिति सचिव शीशराम गुर्जर, सरनाम मास्टर, वीरेंद्र पटवारी, रामदयाल पटवारी, देशराज कंसाना, सुल्तान, राहुल जसवंत, दुर्गा, भोंदू, अमर सिंह, भुमिया गोठिया, विष्णु वरपुरा, कुलदीप कंसाना, रुस्तम निजामपुर आदि लोग मौजूद थे।
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