भभूति लगाने से त्वचा और कैंसर रोग हो जाते है छूमंतर, जानिए इस धाम के बारे में
दीपू वर्मा
धौलपुर : राजस्थान के धौलपुर जिले की बाड़ी तहसील में स्थित अनूठा विशनि गिरी धाम, जहां आज भी दूर-दूर से आने वाले बेहद जटिल मरीज त्वचा और कैंसर केवल भभूत लगाने से ठीक हो जाते हैं। यह सुनकर आप भी हैरान हो रहे होंगे, लेकिन इस धाम को लेकर लोग यहां दावा करते है। इस धाम पर त्वचा रोगों के साथ-साथ कैंसर के रोग भी ठीक होने का दावा किया जाता है। मान्यता है कि, जब कैंसर रोगी को चिकित्सक जवाब देते है, तब ऐसे रोगियों को बाबा की भभूति एकदम ठीक कर देती हैं।

भभूति लगाने से गायब हो जाता है रोगियों का दर्द
इस धाम को लेकर मान्यता है कि दर्द से पीड़ित व्यक्ति यदि भभूति लगाता है कि उसका दर्द गायब हो जाता है। इस स्थान पर वर्षो से बाबा की प्रसिद्धी दूरदराज तक फैली हुई है। इसके चलते भाद्रमास की कृष्णपक्ष की नवमी को बाबा का मेला भरता है, जिसे वार्षिक जात भी कहा जाता है। विज्ञान के इस युग में जब चिकित्सक हाथ खड़े कर देते है, तब बाबा का यह धाम उसके लिए आशा की किरण बन जाता हैं। मान्यता है कि यहां देवीय शक्ति चमत्कारिक रूप से सभी कष्टों का निवारण कर उसे जीवनदान देतीं है। इसको लेकर लोग ऐसे कई चमत्कार होने का दावा करते है।

यह हैं, विशिनिगिरी बाबा धाम का इतिहास
बाबा विशिनिगिरी जिन्हें बैहरा बाबा के नाम से भी जाना जाता हंै। कहा जाता है कि लगभग 200 वर्ष पूर्व विशिनिगिरी बाबा का जन्म नजदीकी गांव खिदरपुर में हुआ था। बाबा के बारे में कहा जाता है, कि बाबा की श्रवण शक्ति कमजोर थी, वे ऊंचा सुनते थे, इसलिए लोग उन्हें ‘बैहरा बाबा‘ के नाम से भी बुलाते थे। आज भी लोग उनके मंदिर पर जाकर उनके नाम की भभूत जोर से बाबा का नाम पुकारते हुए लगाते हैं, जिससे बाबा तक उनकी पुकार पहुंच जाए। कहते है कि बाबा की तपस्या काल में उनके एक भयंकर फोडा हो गया था।
जिसने बाबा के प्राण हर लिए थे। कहा जाता है कि उनके स्वर्ग गमन के पश्चात नादौली गांव के पास पशु चराते समय ग्वालों के बीच बाबा प्रकट हुए और बोले कि बहुत भूख लग रही है और ग्वालों से खाने के लिए मांगा और कहा कि ‘हमारे पेट में फौड़ा हो गयो है, जाको दर्द मोपे सहो न जाय रहो है।‘ यह सुनकर ग्वाल गांव की ओर भागे और रोटी बनाकर बाबा को दी। ग्वाल बालों ने पूछा कि बाबा तुम तो कई दिन पहले मर गए, तो फिर कैसे जिन्दा हो गए? बाबा ने कहा कि बेटा मैंने अपने पेट के फोड़े के कारण शरीर त्यागा था। अब मैं सभी बीमारियों को मिटाने के लिए दोबारा आ गया। इस चमत्कारी सिद्ध धाम पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से लोग अपने मरीजों को लेकर आते हैं।
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