Jogaram Patel : मंत्री की पोती को परीक्षा में नकल प्रकरण में किया दोष मुक्त! जानिए कैसे हुआ यह हैरान करने वाला कारनामा

गिरीश दाधीच
जोधपुर: भजनलाल सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल की पोती को नकल प्रकरण में क्लीन चिट मिल गया है। इसका खुलासा जोधपुर एमबीएम विश्वविद्यालय की बोर्ड आफ मैनेजमेंट की बैठक में हुआ। दरअसल, यह मामला 2024-25 की परीक्षा के दौरान का है। जब कानून मंत्री की पोती का नाम नकल प्रकरण में सामने आया था। इधर, अब बोर्ड प्रशासन के मंत्री की पोती नकल करने प्रकरण से दोष मुक्त करने को लेकर सियासी गलियारों मेें तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है।
कानून मंत्री की पोती को नकल प्रकरण में मिला क्लीन चिट
विश्वविद्यालय की बोर्ड आफ मैनेजमेंट की बैठक में एजेंडे के साथ 2023-24 में नकल करते पकड़े गए विद्यार्थियों की सूची सौंप दी गई, लेकिन वर्ष 2024-25 के विद्यार्थियों की सूची को गोपनीय बताया गया। इस पर जब सदस्यों ने विरोध किया, तो कुलपति प्रोफेसर अजय शर्मा ने इसे इग्नोर कर दिया, बताया जा रहा है कि इस सूची में कानून मंत्री जोगाराम पटेल की पोती का नाम शामिल था। इसके चलते कुलपति उस सूची के नाम का उजागर नहीं कर रहे थे।
बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में नकल करने वाले विद्यार्थी की सूची को लेकर उस समय विरोध शरू कर दिया, जब बैठक में 2024-25 में नकल करने वालों की सूची को गोपनीय बता दिया। बाद में जब विरोध हुआ, तो परीक्षा नियंत्रक डॉ. अनिल गुप्ता ने लिफाफा खोलकर सूची के नाम खुद ही सुनाए, इस बीच जब कानून मंत्री की पोती का नाम आया, तो डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि ‘फाउंड नो गिल्टी‘ मंत्री की पोती को दोष मुक्त करार दे दिया गया है। इधर, इस मामले को लेकर अब सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
इंजीनियरिंग की परीक्षा में चीटिंग करते पकड़ा था मंत्री की पोती को
बता दें कि करीब दो माह पहले सत्र 2024-25 के सेमेस्टर की परीक्षा में कानून मंत्री जोगाराम पटेल की पोती को इंजीनियरिंग की परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ा था। वह एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की परीक्षा दे रही थी। इस बीच फ्लाइंग टीम के निरीक्षण में उसके पास कैलकुलेटर के कवर पर पेंसिल से लिखे नोट्स मिले। इस पर टीम के सदस्यों ने नकल का मामला का मानते हुए दूसरी काॅपी दे दी। साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन को रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन केंद्र अधीक्षक डॉक्टर श्रवण राम ने अपनी रिपोर्ट में मंत्री की पोती के कैलकुलेटर पर लिखी हुई चीज को अस्पष्ट बताते हुए नकल का केस नहीं मानना बताया। इस मामले में पुलिस में भी कोई शिकायत नहीं दी गई। बाद में विश्वविद्यालय की कमेटी ने इस पर निर्णय कर मंत्री की पोती को दोष मुक्त कर दिया है।