टोंक : राजस्थान के प्रसिद्ध वनस्थली विद्यापीठ में हॉस्टल की बालकनी से एक छात्रा के कूदने का वीडियो जमकर वायरल हुआ। इस वीडियो को लेकर अब नया मोड़ सामने आया है। इसको लेकर पीड़ित पिता ने वनस्थली विद्यापीठ प्रशासन और अन्य छात्राओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित पिता का कहना है कि उनकी बेटी को अन्य साथी छात्राओं ने टॉर्चर और ब्लैकमेल किया। जिसके कारण उनकी बेटी ने यह जानलेवा कदम उठाया। पीड़ित ने पुलिस में दर्ज करवाई रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
छात्रा के बालकनी से कूदने का वीडियो सुर्खियों में
दरअसल, यह मामला प्रसिद्ध वनस्थली विद्यापीठ से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 29 सेकंड के इस वीडियो में एक छात्रा बालकनी से नीचे कूदती हुई दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो 22 जुलाई की रात्रि का है। इस वीडियो को लेकर अब कहीं बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर, घायल छात्रा का अस्पताल में उपचार जारी है। घटना को लेकर अलवर निवासी पीड़ित पिता ने निवाई पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है। थाना प्रभारी रामजी लाल ने बताया कि पुुलिस मामले की जानकारी कर रही है।
बेटी को अन्य छात्राओें ने टॉर्चर और ब्लैकमेल किया
बालकनी से नीचे कूदने वाली छात्रा के पिता ने घटना के बाद पुलिस को दी रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी विद्यापीठ के हाॅस्टल शांता वात्सल्यम के कमरा नंबर 82 में रहती थी। उन्होंने बताया कि वह 17 जुलाई को अपनी बेटी को एमबीए कोर्स करवाने के लिए वनस्थली छोड़कर गए थे। इस बीच 22 जुलाई को उनकी बेटी ने फोन कर बताया कि अन्य छात्राएं उसे टॉर्चर और ब्लैकमेल कर रही है। पीड़ित पिता का आरोप है कि छात्राओं ने किसी की जन्मदिन की पार्टी में उनकी बेटी को नशा युक्त केक और कोल्ड ड्रिंक पिला दिया। इसके बाद से वह उनकी बेटी को ब्लैकमेल कर प्रताड़ित कर रही थे।
पीड़ित पिता ने पूरी फीस दिलाने की मांग की
पीड़ित पिता ने आरोप लगाया कि वह अपनी बेटी को वनस्थली विद्यापीठ में एमबीए का कोर्स करवाना चाहते थे, लेकिन इस घटना के बाद वह अपनी बेटी को वनस्थली नहीं पढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी ने हॉस्टल के प्रबंधन को जब शिकायत की तो, उन्होंने भी कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण उनकी बेटी डिप्रेशन में आ गई और उसेे बालकनी से नीचे कूदने का कदम उठाया। इधर, पीड़ित पिता ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी पूरी फीस वापस की जाने की मांग की है। बताया जा है कि इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग ने टोंक कलेक्टर को नोटिस देकर जवाब मांगा है।
मनीष बागड़ी, Chief Editor
पॉलिटिकल आर्टिकल्स लिखना पसंद है, पत्रकारिता में 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में नवभारत टाइम्स (NBT) में 'स्टेट पॉलिटिकल आर्टिकल्स' लिखता हूं, पत्रकारिता के इस सफर में राजस्थान पत्रिका, A1टीवी, न्यूज़ इंडिया, Network 10, हर खबर न्यूज़ चैनल, दैनिक रिपोर्टर्स.com जैसे न्यूज़ प्लेटफार्म पर भी कार्य किया है।
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