रावण दहन के समय मंदोदरी की लूटते है चूनरी! जानिए है क्यों ऐसी परम्परा
झालावाड़ : राजस्थान में गुरुवार को दशहरे का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस बीच झालावाड़ जिले में एक अनूठी परंपरा रावण दहन के दौरान देखने को मिली, जो आपको आश्चर्य चकित कर देगी। इस परंपरा के अनुसार यहां के लोग रावण दहन के साथ मंदोदरी की चुनरी को भी लूटते हैं। यह परंपरा करीब 185 सालों से चली आ रही है। इस परंपरा के पीछे लोगों के मान्यता है कि इससे बीमारियों और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
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रावण दहन के दौरान मंदोदरी की लूटते हैं चुनरी
झालावाड़ जिले के झालरापाटन से यह अनूठी परंपरा सामने आई है, जो 185 सालों से चली आ रही है। इस दौरान हर साल दशहरा पर रावण के पुतले का दहन होता है। इसके साथ ही यहां के लोग मंदोदरी के पुतले पर पहनाई गई चुनरी को लूटते हैं। इस चुनरी को लूटने के लिए लोगों में इस कदर होड़ रहती है कि लोगों की भीड़ एक दूसरे गिर पड़ते है। बाद में लोग चुनरी के टुकड़े-टुकड़े कर अपने साथ ले जाते हैं। इसके पीछे यहां के लोगों की अनूठी श्रद्धा और आस्था जुड़ी हुई है।
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लोगों की आस्था चूनरी से बुरी शक्तियों का होता है नाश
झालरापाटन में 185 साल से चली आ रही यह अनूठी परंपरा लोगों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। दशहरा के दिन मंदोदरी की चुनरी लूटने के पीछे लोगों की मान्यता है कि चुनरी को घर में रखने से नकारात्मक भावना और बुराई समाप्त होती है। इसके अलावा बीमारी और बुरी शक्तियां उस घर से दूर रहती है। इसके चलते यहां के लोग अपने पूर्वजों की तरफ से निभाई जा रही। इस परंपरा को आज भी जीवित किए हुए हैं। लोग मंदोदरी की चुनरी के टुकड़े को पूजा घर में संभाल कर रखते हैं। लोगों का मानना है कि यह चुनरी जिन लोगों के घर में रहती है, वहां खुशी और प्रसन्नता रहती है।
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