Heavy Rain : बनास के प्रचंड वेग में फंस गई 40 गायें, फिर देवदूत बना आएं गौ रक्षकों ने जान जोखिम में डाल यूं किया रेस्क्यू,

रवि सैनी
टोंक : राजस्थान में मानसून का कहर लोगों के लिए मुसीबतें बढ़ाता जा रहा है। टोंक में बीसलपुर बांध के गेट खोले जाने के बाद बनास नदी में तेजी से पानी के निकासी हो रही है। इसके चलते सोमवार सुबह टोंक में एक टापू पर 40 से अधिक गायें फंस गई। इस दौरान चारों तरफ बनास नदी के पानी ने उस टापू को घेर लिया। इसकी सूचना मिलते ही गौ रक्षक तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद टापू पर फंसी हुई सभी गायों को सकुशल निकाला। इस दौरान एसडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंच गई, जहां उन्होंने भी रेस्क्यू में गौ रक्षकों का सहयोग किया।
अचानक बढ़े पानी ने घेर लिया 40 से अधिक गायों को
मानसून के बढ़ते असर के चलते अब बीसलपुर बांध में लगातार पानी की बंपर आवक बढ़ गई है। सोमवार सुबह बांध के छह गेट खोले गए। जिसके चलते बनास नदी में तेजी से पानी का प्रभाव दिखाई दे रहा है। यही बनास नदी का पानी अब टोंक में भी पहुंच गया है, जहां बनास नदी की पुलिया के समीप एक टापू पर 40 से अधिक गायें बैठी हुई थी, जो अचानक पानी की तेज आवक के कारण उस टापू पर फंस गई। टापू के चारों तरफ तेजी से बनास नदी का पानी बहने लगा।
जान जोखिम में डालकर फंसी गायों को सकुशल बाहर निकाला
इधर, 40 से अधिक गायों के टापू पर फंसे होने की सूचना मिलते ही करीब दो दर्जन से अधिक गौरक्षक मौके पर पहुंच गए, जहां उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद टापू पर फंसी हुई गायों को एक-एक करके बाहर निकाला। इस दौरान बनास नदी का वेग इतना तेज था कि उसमें हर कोई बह जाए। इधर, प्रशासन के निर्देश पर एसडीआरएफ टीम के कमांडर राजेंद्र गुर्जर समेत सदस्य भी मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने भी गायों को निकालने में सहयोग किया। इस दौरान गौ रक्षक शुभम सोनी, विशाल गुर्जर, दीपक, लवकुश,आशु, बुद्धिप्रकाश, समेत करीब दो दर्जन गौ रक्षक मौजूद थे।