Harish Meena : स्मार्ट मीटर पर गरजे सांसद ने कहा, मैं कहू पहले उनके लगाओ स्मार्ट मीटर, नाम सुना तो अधिकारी भी रह गए दंग

रवि सैनी
टोंक : राजस्थान में बिजली विभाग की ओर से लगाए जाने वाले स्मार्ट मीटरों को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर लगातार विरोध कर रही है। टोंक में भी बुधवार को दिशा की बैठक में टोंक सवाई माधोपुर सांसद हरिश मीणा ने स्मार्ट मीटर के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने गरजते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्मार्ट मीटर लगाने से पहले इसकी शुरुआत सरकारी कार्यालयों से करो। इस दौरान सांसद ने स्मार्ट मीटर, पेयजल, बजरी खनन समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार पर बड़े सवाल खड़े किए।
उपभोक्ताओं से पहले सरकारी कार्यालयों में लगाइए स्मार्ट मीटर
प्रदेश में भजनलाल सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना शुरू की है। इसको लेकर कांग्रेस लगातार इसका विरोध कर रही है। टोंक में बुधवार को टोंक सांसद हरिश मीणा ने भी स्मार्ट मीटर के विरोध में अपने सुर मिलाए। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को कहा कि यदि स्मार्ट मीटर लगाना है, तो सबसे पहले इसकी शुरुआत सरकारी कार्यालयों से कीजिए, जहां तहसील, पुलिस थाना, पंचायत समिति समेत जितने भी सरकारी कार्यालय है। वहां स्मार्ट मीटर लगाइए। यह सुनकर बैठक में मौजूद अधिकारी भी दंग रह गए।
बड़ी फैक्ट्रियों में होती है बिजली चोरी: सांसद
इस दौरान टोंक सांसद हरिश मीणा ने बैठक के बाद पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि कर्मचारियों को काम करने से कोई रोक नहीं है, क्योंकि उन्हें काम करने का ही वेतन मिलता है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर से आम उपभोक्ताओं को नुकसान होगा। बिजली चोरी तो बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में होती है, उपभोक्ता बैचारा क्या बिजली चोरी करता है, घरों में तो केवल पंखा, कूलर, टीवी, ट्यूब लाइट जैसे उपकरण ही तो चलते हैं। इनमें कितनी बिजली चोरी होती होगी? बिजली चोरी जो भी होती है, वह बड़े स्तर पर होती है।
दूसरों को पानी पिलाने वाला टोंक खुद प्यासा
इस दौरान सांसद ने टोंक जिले के पेयजल संकट पर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि टोंक जिले में बीसलपुर बांध होने के बावजूद भी उसकी प्यास नहीं बुझ पा रही है। जबकि बीसलपुर बांध प्रदेश के एक बड़े भूभाग को पानी की सप्लाई करता है। टंकियां बन गई है, पाइपलाइन बिछ गई है, लेकिन टंकियों में जाने वाला पानी नहीं है। इसके पीछे बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है, इसके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। इससे पहले दिशा की बैठक टोंक कलेक्टर कल्पना अग्रवाल, एसपी विकास सांगवान समेत कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।