अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट का नहीं हुआ अंत! अब यह क्या बोल गए गहलोत?

अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट का नहीं हुआ अंत! अब यह क्या बोल गए गहलोत?
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✍️मनीष बागड़ी
जयपुर : गहलोत राज में सरकार गिराने के मुद्दे को लेकर बीते दिनों हाईकोर्ट ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) समेत दो अन्य लोगों को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मंगलवार को फिर से बड़ा बयान सामने आया है। जिसने एक बार फिर सियासत के पारे में गर्माहट ला दी। इस दौरान अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) ने कहा कि एफआर देने केस कभी खत्म नहीं होता है, अगर हाई कोर्ट एफआईआर को क्वेश कर दे तो अलग बात है। इधर, गहलोत के इस बयान को लेकर सियासत में एक बार फिर गहलोत बनाम पायलट का मुद्दा गर्म होता हुआ नजर आ रहा है।

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एफआर लगाने से कभी केस खत्म नहीं होता है : गहलोत

दरअसल, गहलोत बीते दिनों राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बाद इस मुद्दे पर पहली बार बोले। गहलोत राजधानी जयपुर में मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। इस बीच मीडिया के सवालों को लेकर उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि 2020 के मानेसर प्रकरण में एफआर देने से केस कभी खत्म नहीं होता है। हां अगर हाई कोर्ट एफआईआर को क्वेश कर दे, तो अलग बात है। उन्होंने आगे कहा कि 2020 का जो सरकार गिराने का एपिसोड था। वह थियोरेटिकल नहीं था। उन्होंने कहा कि यह पूरा कांड प्रैक्टिकल था। इधर, गहलोत के इस बयान से सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाओं दौर शुरू हो गया हैं।

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क्या गहलोत अभी भी नहीं भूल पाए हैं, मानेसर प्रकरण

बीते दिनों एसीबी की रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने सरकार गिराने के मामले में सचिन पायलट समेत दो अन्य लोगों को क्लीन चिट दी थी। इसके बाद सचिन पायलट ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें देश की न्याय प्रणाली पर विश्वास है, जब हाई कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है, तो इस पर कुछ बोलना बाकी नहीं हैं। इधर, गहलोत के मंगलवार को दिए गए बयान के बाद सियासत में फिर से चर्चा शुरू हो गई है कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी मानेसर प्रकरण को लेकर गहलोत के मन में अभी भी कुछ हैं।

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एसीबी ने विधायक को पैसे से खरीदने की कहानी झूठी बताई

दरअसल, गहलोत सरकार में साल 2020 में सियासी संकट के चलते सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे। इसके बाद उन पर सरकार गिराने की साजिश के आरोप लगे। इधर विधायकों को खरीदने के मामले में एसीबी ने जांच की। इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक रामीला खड़िया को पैसे देकर खरीदने की कहानी फर्जी है। बता दें कि 10 जुलाई 2020 को राजस्थान की एसओजी ने भरत मालानी और अशोक सिंह को गिरफ्तार किया था। उन पर सरकार गिराने की साजिश का मुकदमा दर्ज किया। जिसमें सचिन पायलट को भी आरोपी बनाया गया था।

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एसीबी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी किया था खुलासा

हाई कोर्ट में दाखिल एसीबी की रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी की फोन रिकॉर्डिंग से कोई राजनीतिक गतिविधियों या रिश्वत देने, विधायक खरीदने का मामला स्पष्ट नहीं होता है। रिकॉर्डिंग में सामान्य राजनीतिक बातचीत, सट्टेबाजी, जुआ, महिलाओं की बातचीत और निजी बातें सुनाई दी गई। इसके अलावा बैंक खातों की जांच में कोई भी बड़ी राशि का ट्रांजैक्शन सामने नहीं आया। एसीबी ने रिपार्ट में यह भी बताया कि जांच के दौरान किसी भी विधायक ने यह बात नहीं बताया कि आरोपियों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की।

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गहलोत के बाद पायलट ने भी नरेश मीणा को लेकर दिखाई दिलचस्पी! जनिए क्यों?

 

मनीष बागड़ी, Chief Editor

पॉलिटिकल आर्टिकल्स लिखना पसंद है, पत्रकारिता में 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में नवभारत टाइम्स (NBT) में 'स्टेट पॉलिटिकल आर्टिकल्स' लिखता हूं, पत्रकारिता के इस सफर में राजस्थान पत्रिका, A1टीवी, न्यूज़ इंडिया, Network 10, हर खबर न्यूज़ चैनल, दैनिक रिपोर्टर्स.com जैसे न्यूज़ प्लेटफार्म पर भी कार्य किया है। Follow us - www.thepoliticaltimes.live
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