Success Story : घूंघट की ओट को मात देकर चमका राजस्थान का यह हीरा, जानिए IAS नेहा ब्यादवाल की सक्सेज स्टोरी

Success Story : घूंघट की ओट को मात देकर चमका राजस्थान का यह हीरा, जानिए IAS नेहा ब्यादवाल की सक्सेज स्टोरी
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जयपुर: कहते हैं लगन और मेहनत से काम काम किया जाए, तो सफलता उसके कदम चूमती है। राजस्थान के छोटे से गांव में जन्मी आईएएस नेहा ब्यादवाल ने अपनी सफलता से इस बात को सही साबित करके दिखाया है। नेहा राजस्थान के उस गांव से आती है, जहां औरतों को घूंघट की ओट के पीछे रखा जाता हैं, लेकिन नेहा ने अपनी मेहनत से जो मुकाम पाया है, उसने न केवल गांव के बुजुर्गों का दिल जीता, बल्कि महिलाओं के लिए एक अनुकरणीय मिसाल कायम की है। अब उस गांव की महिलाओं को नेहा पर फक्र होता हैं। इस बात को आईएएस नेहा ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए जिंदगी के उसे पहलू को बताया, जिसे सुनकर हर महिला गौरवान्वित हो जाएगी।

पर्दे के पीछे की बेटियां सपनों को पंख दे रही है

आईएएस नेहा ब्यादवाल वर्ष 2021 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी में सिलेक्ट हुई। अपनी इस सफलता के पीछे नेहा ने एक वीडियो शेयर करते हुए महिला सशक्तिकरण को मजबूती देने का संदेश दिया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा कि ‘मैं उस गांव से आती हूं, जहां आज भी औरतें परदे के पीछे रहती हैं, जहां बेटियों की शिक्षा अब भी दुर्लभ है. लेकिन गर्व है कि चीजें बदल रही हैं। उन्होंने आगे लिखा कि जब उनके गांव में लोगों को पता चला कि गांव की पहली आईएएस एक लड़की बनी है, तो बुजुर्गों की खुशी देखने लायक थी, जहां कभी बेटियां अनचाही थीं, वहीं आज वही लड़की बन गई हूं, जिसे सब सुनना चाहते हैं। यह सफर मेरे लिए बेहद भावुक और अविस्मरणीय रहा है। अब गांव की बेटियां परदे के पीछे नहीं, बल्कि खुले आसमान में अपने सपनों को पंख दे रही हैं. मुझे गर्व है कि मैं उनकी इस उड़ान में छोटी सी भूमिका निभा रही हूं।

बुजुर्ग भी समझने लगे हैं कि असली बदलाव की कुंजी शिक्षा है

नेहा ने बताया कि कहा कि जब उन्होंने गांव के लोगों से संवाद किया, तो उन्होंने महसूस किया कि लोग उनकी बातों को न सिर्फ सुन रहे थे, बल्कि उसमें एक विश्वास भी झलक रहा था। मुझे महसूस हुआ कि मेरे शब्दों का असर हो रहा है, लोगों की आंखों में बदलाव की चमक थी। उन्होंने कहा कि अब हमारे गांव के बुजुर्ग भी समझने लगे हैं कि असली बदलाव की कुंजी शिक्षा है। नेहा का सपना है कि एक दिन हर पिता अपनी बेटी से कहे, अगर वो कर सकती है, तो तुम भी कर सकती हो। यह बदलाव केवल एक व्यक्ति की सफलता नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। उनकी कहानी उन लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है, जो गांवों, कस्बों और दूरदराज के इलाकों में बैठकर आज भी बड़े सपने देख रही हैं।

कौन हैं, आईएएस नेहा ब्यादवाल

आईएएस नेहा ब्यादवाल राजस्थान में जन्मी है, लेकिन उनकी शिक्षा दीक्षा छत्तीसगढ़ में हुई, क्योंकि नेहा के पिता छत्तीसगढ़ में सरकारी सेवा में थे। इसके चलते नेहा का परिवार भी वहीं रहा। नेहा का आईएएस बनने का सफर उनके लिए आसान नहीं था। पहले तीन प्रयासों में नेहा परीक्षा पास नहीं कर पाई, लेकिन नेहा ने हार नहीं मानी। इस बार उसने दुगनी ताकत से मेहनत की। नेहा की सफलता में सोशल मीडिया और मोबाइल फोन उनकी पढ़ाई में बहुत बड़ी रुकावट डाल रहे थे, इसलिए उन्होंने करीब 3 साल तक उन्होंने खुद को सिर्फ पढ़ाई के लिए समर्पित कर दिया और मोबाइल से दूर चली गई। इसी का नतीजा हुआ कि कि 2021 में उन्होंने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और 569वीं रैंक हासिल की।

मनीष बागड़ी, Chief Editor

पॉलिटिकल आर्टिकल्स लिखना पसंद है, पत्रकारिता में 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में नवभारत टाइम्स (NBT) में 'स्टेट पॉलिटिकल आर्टिकल्स' लिखता हूं, पत्रकारिता के इस सफर में राजस्थान पत्रिका, A1टीवी, न्यूज़ इंडिया, Network 10, हर खबर न्यूज़ चैनल जैसी न्यूज़ प्लेटफार्म पर भी कार्य किया है। Follow us - www.thepoliticaltimes.live
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