जेल से रिहा नरेश मीणा के वहीं तीखे तेवर, पिक्चर अभी बाकी हैं, हिसाब होगा…
Naresh Meena News, झालावाड़ : राजस्थान में थप्पड़ कांड से चर्चित हुए नरेश मीणा को आखिर जमानत मिल गई, उन्हें एक महीने 10 दिन तक झालावाड़ अस्पताल में विवाद के चलते जेल में रहना पड़ा था। इस दौरान उनके बाहर निकलते ही समर्थको ने जोरदार स्वागत किया। इधर, जेल से रिहा होने के बाद भी नरेश मीणा के तेवर कम नहीं हुए हैं। उन्होंने गरजते हुए कहा कि उन्हें षड्यंत्र के तहत जबरन फंसाया गया है, ऐसे लोगों का हिसाब बराबर किया जाएगा। बता दें कि नरेश मीणा अपने इन्हीं तेवरों के कारण लगातार विवाद में रहते हैं, जो उनके लिए मुसीबत भी बन जाता है।
नरेश मीणा गरजे, सब का हिसाब करूंगा बराबर
बता दें कि दबंग नेता नरेश मीणा अपने आक्रामक तेवरों के कारण लगातार विवादों में रहते हैं। थप्पड़ कांड के बाद करीब 8 माह बाद उन्हें हाई कोर्ट ने जमानत मिली थी, लेकिन झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे के बाद अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। इधर, जेल से बाहर निकालने के बाद नरेश मीणा ने फिर से अपने तेवर दिखाते हुए कहा कि उनकी ओर से पीपलोदी हादसे के शिकार दलित और आदिवासी लोगों को मुआवजा और इंसाफ की मांग की जा रही थी, लेकिन उन्हें एक षड्यंत्र के तहत जबरन फंसाया गया। इसको लेकर अब समय आने पर इन षड्यंत्रकारी लोगों का वह बराबर हिसाब करेंगे।
अंता विधानसभा चुनाव को लेकर भी दिया बयान
बता दे कि अंता के भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा को करीब 20 वर्ष पुरानी एक मामले में एसडीएम पर रिवॉल्वर तान के मामले में दोषी पाए गए। इधर, अंता विधानसभा सीट खाली हो गई है। इस विधानसभा पर फिर से उपचुनाव होंगे। इसको लेकर लगातार सियासी चर्चाएं तेज है। इधर, मीडिया से बातचीत के दौरान नरेश मीणा ने अंता से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि वह इसके लिए अपने साथियों से चर्चा करेंगे। इसके बाद वहां की राजनीतिक समीकरणों की समीक्षा करेंगे। समर्थकों की सहमति के बाद ही वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
झालावाड़ अस्पताल के बाहर प्रदर्शन के कारण किया था गिरफ्तार
बता दें कि बीते दिनों झालावाड़ के पीपलोदी में स्कूल हादसा हुआ, जहां स्कूल भवन गिरने से सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। इस मामले को लेकर नरेश मीणा झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के बाहर धरना दे रहे थे। कथित रूप से आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान स्टाफ से हाथापाई की। इसके बाद न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया, जहां वह एक महीना और 10 दिन रहने के बाद रिहा हुए।
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